GENERATION OF COMPUTER


कम्प्यूटर के जनरेशन 


पहला जनरेशन :-- ( 1940-1956) पहले जेनरेश के कम्प्यूटर में वैक्युम टयूब्स का प्रयोग होता था। इस जेनरेषन में मषीन लैंग्वेज का इस्तेमाल होता था। यह कम्प्यूटर है- UNIVAC -१,एनिअक ,EDSAC EDVAC


दूसरा जनरेशन- ( 1956-1963) दूसरा जेनरेशन  के कम्प्यूटर में ट्रांजिस्टर्स का इस्तेमाल किया गया। इस जेनरेषन के कम्प्यूटर से कम गर्मी निकलती थी ये भरोमंद थे।

तीसरा जनरेशन (1964-1971)   तीसरा जनरेशन के कंप्यूटर में ट्रांसिस्टर  की जगह इंटीग्रेटड सर्किट  का इस्तेमाल किया गया जिसे चिप कहा जाता है | स्मॉल स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट्स , जिसमे प्रति चिप 10 ट्रांजिस्टर लगे थे , तकनीकी  से विकसित होकर 100 ट्रांजिस्टरर्स प्रति चिप वाले MSI सर्किट में परिवर्तित हुआ | 

चौथा जेनरेशन (1972 से 1985 तक )  इस जेनरेशन में LSI & VLSI  इस्तेमाल किया गया | परिणाम स्वरूप ,माइक्रोप्रोसेसर  जन्म हुआ | इस तकनिकी का इस्तेमाल करने वाले कम्प्यूटरों को माइक्रो कंप्यूटर खा जाता है | उच्च  क्षमता वाले हार्ड डिस्क अस्तित्व में  आए | 

पांचवां जेनरेशन ( वर्तमान और इसके बाद )    पांचवें जेनरेशन के कंप्यूटिग डिवाइसेज , जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है , का  विकास अभी भी जारी है यद्यपि ऐसे कुछ एप्लिकेशन है जैसे वॉइस रिकॉगिन्शन , जिनका इस्तेमाल अभी किया जा रहा है |  


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