कम्प्यूटर वायरस

कम्प्यूटर वायरस





कम्प्यूटर वायरस (virus) एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक कोड है, जिसका उपयोग कम्प्यूटर में समाहित सूचनाओं को समाप्त करने के लिए होता है। इसे कम्प्यूटर प्रोग्राम में, किसी टेलीफोन लाइन से दुर्भावनावश प्रेषित किया जाता है। इस कोड से गलत सूचनाएँ मिल सकती हैं, एकत्रित जानकारी नष्ट हो सकती है तथा यदि कोई कम्प्यूटर किसी नेटवर्क से जुड़ा है, तो इलेक्ट्रॉनिक रूप से जुड़े होने के कारण यह वायरस सम्पूर्ण नेटवर्क को प्रभावित कर सकता है। फ्लॉपियों के आदान-प्रदान से भी वायरस के फैलने का डर रहता है। ये महीनों, सालों तक बिना पहचाने गए ही कम्प्यूटर में पड़े रह सकते हैं और उसे क्षति पहुँचा सकते हैं। इनकी रोकथाम के लिए इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा-व्यवस्था विकसित की गयी है। कुछ मुख्य कम्प्यूटर वायरस हैं- माइकेलएंजलो, डार्क एवेंजर, किलो, फिलिप, मैकमग, स्कोर्स, कैस्केड, जेरुसलम, डेटा क्राइम, कोलंबस क्राइम, इन्टरनेट वायरस, पैचकॉम, पैच EXE, कॉम-EXE, मरिजुआना, मेलिसा, अन्ना कोर्निकोवा, माई डूम, प्वाइजन आईवी, सी ब्रेन, ब्लडी, चेज मुंगू एवं देसी।



नोट: 
(i) माइकल एंजेलो वायरस सवप्रथम 6 मार्च 1993 को देखा गया। जिस दिन इसकी पाया गया उस दिन इटली के प्रसिद्ध चित्रकार माइकल एंजेलो की पुण्य तिथि थी। अतः इस वायरस का नाम माइकल एंजेलो वायरस रखा गया।

(ii) भारत में पाया गया प्रथम कम्प्यूटर वायरस सी ब्रेन है जो मद्रास (चेन्नई) में 1988 में प्रकट हुआ था।

(iii) भारत में बेंगलुरु की एक कम्पनी वायरस विरोधी प्रोग्रामों में विशेष दक्षता रखती है।


वायरस का इतिहास :- 
 Robert Thomas, ने  सन 1971 में पहला वायरस बनाया 
इस virus का नाम रखा गया “Creeper” virus, और ये एक experimental program था 
 Thomas जी ने खुद  ARPANET के mainframes को infect करने के लिए बनाया था . 

ये Virus system को infect करने के बाद  message screen पर display करता था, “I’m the creeper: Catch me if you can.” 

कंप्यूटर वायरस क्या कर सकता है ? 
Computer virus, computer में मौजूद data को corrupt या फर delete कर सकतेह. आपके hard disk में 
store किये   data को पूरी तरह से  ख़तम कर  देते है . computer virus e-mail attachments के माध्यम से 
computers में जा कर उनके computers को ख़राब कर देते है |  virus आपके computer क speed को 

धीमा कर देता है. येआपकेfiles और program को नष्ट  कर देता है |

System में Virus Infection को कैसे पता करे ? 

आपका System Virus सेinfected है भी या नही  इसीलए इन बातो को जांचना चाहिए
 • Slower system performance का होना
• Screen मबार बार Pop-ups का आना
• Programs का खुदबखुद चलना
• Files का अपनेआप multiplying/duplicating होना
• नए files और programs का अपनेआप computer में install हो जाना
• Files, folders या programs का अपनेआप delete और corrupt हो जाना
• Hard drive सेअजीब सा sound आना

अगर आपके system में ऐसे warnings दिखाए तब आपको जान लेना चाहिए की  आपका system virus के  infect हो सकता हैं , इसलिए  एक antivirus software download कर scan कर ले .

 कैसे खुद के System को Viruses और Worms से बचाएँ ?

1. अपनेSystem में हमेशा एक अच्चा  सा Antivirus install करे और उसेसमय समय पर update करते रहे .
2. कोई भी email यदि आपको उसके sender के विषय में जानकरी नही  है तब उसेopen नही  करना चाहीये
3. Unauthorized Websites से कुछ भी download न करे जैसे MP3, Movies, Software आदि
4. सभी Downloaded चीज़ को scan करवाए. इनमvirus होने की  संभावनाएं अधिक होती है
5. Removable Media जैसेक pendrive, disks को स्कैन करनेके बाद ही इतमाल करे .
6. यद आप कसी भी website पर visit करतेहो तो आप एक चीज का ध्यान रखे की  वो एक popular और registered website हो और ऐसी कसी भी link पर click ना करे जससे बाद में आपको परेशानी का सामना करना पड़े.

क्या नही  करना चाहिए ??
1. कभी भी कसी email attachment को न खोले जैसे अगर आपको उस sender के वषय में जानकरी नही  हो.
 2. कसी भी unsolicited executable files, documents, spreadsheets, को बना scan किये खोलने की  कोशीश न करे 
3. Untrusted Websites सेdocuments या executable software download न करे .
4. जो Ads आपको लालच देते हो क यहाँपर click करो और lottery जीतो तो ऐसेadds पर कभी भी click मत करए. ऐसे  ही तरह क लालच हमेe-mails मभी आते है तो आप उस mail को भी कभी मत खोले क्युकी  उसमे भी malware के होने का chances ज्यादा रहता है.|

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